
1). रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के नए प्रमुख के रूप में पराग जैन को नियुक्त किया गया है।
सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पराग जैन को दो साल के कार्यकाल के लिए रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का अगला सचिव नियुक्त किया है।
पंजाब कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी पराग जैन रवि सिन्हा का स्थान लेंगे।
हालिया नियुक्ति –
- राजीव गौबा को नीति आयोग का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी सचिव निधि तिवारी
- संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अजय कुमार
- इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख तपन कुमार डेका
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) का अध्यक्ष – समीर वी कामत
- 2025-26 के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष राजीव मेमानी
2). चेन्नई में आयोजित पहले हॉकी इंडिया मास्टर्स कप में पुरुष वर्ग और महिला वर्ग का खिताब किसने जीता ?
हॉकी इंडिया मास्टर्स कप 2025 के उद्घाटन संस्करण में ओडिशा हॉकी एसोसिएशन और तमिलनाडु हॉकी यूनिट ने क्रमशः महिला और पुरुष वर्ग का खिताब जीता।
हाँकी इंडिया मास्टर्स कप का उद्घाटन संस्करण 18 से 27 जून, 2025 तक तमिलनाडु के चेन्नई में मेयर राधाकृष्णन हॉकी स्टेडियम में आयोजित किया गया था।
3). आंध्रप्रदेश में अखंड गोदावरी परियोजना की आधारशिला रखी गयी है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के साथ मिलकर राजामहेंद्रवरम में पुष्कर घाट के पास प्रतिष्ठित अखंड गोदावरी पर्यटन परियोजना की आधारशिला रखी।
4). आर. प्रज्ञानंदधा ताशकंद में आयोजित उज्चशतरंज कप जीता है।
19 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानंदधा ने ताशकंद में उजचेस कप मास्टर्स 2025 जीतकर वर्ष का अपना तीसरा प्रमुख शतरंज खिताब हासिल किया। इस जीत ने 19 वर्षीय खिलाड़ी को 2778.3 की लाइव रेटिंग पर पहुंचा दिया
5). श्रीलंका में कटारागामा एसाला महोत्सव 2025 मनाया गया।
आध्यात्मिक रूप से समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से जीवंत कटारागामा एसाला महोत्सव 26 जून, 2025 को श्रीलंका में ध्वजारोहण समारोह के साथ शुरू हुआ, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित बहु-धार्मिक समारोहों में से एक की शुरुआत को चिह्नित करता है।
6). राजस्थान में दुर्लभ एल्बिनो ‘सूरजमुखी’ गिलहरी को पहली बार देखा गया।
राजस्थान के टोंक जिले में हाल ही में एक दुर्लभ अल्बिनो “सनफ्लावर” गिलहरी देखी गई, ऐसी गिलहरियाँ बेहद दुर्लभ होती हैं, करीब हर 1,00,000 में एक बार ही देखने को मिलती हैं। यह आनुवंशिक स्थिति है, लेकिन जरूरी नहीं कि संतानों में भी हो।
7). हाल ही में बनकाचेरला परियोजना आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच जल विवाद का कारण बन गयी है।
बनकचेरला परियोजना आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच जल विवाद का कारण बन गयी है।
यह परियोजना आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने के लिए बनाई जा रही है, लेकिन तेलंगाना इसका विरोध कर रहा है।
8). हाल ही में सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र के तहत साइबर धोखाधड़ी में म्यूल बैंक खातों का भंडाफोड़ किया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने साइबर अपराध और डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले से जुड़े म्यूल बैंक खातों का भंडाफोड़ करने के लिए ऑपरेशन चक्र V के तहत पांच राज्यों में तलाशी शुरू की है।
CBI अधिकारियों ने ऑपरेशन चक्र V के तहत पांच राज्यों- राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में तलाशी ली।
सीबीआई के अनुसार, रकम को धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) कर सफेद करने के लिए देश भर के विभिन्न बैंकों में करीब 8.5 लाख म्यूल खाते खोले गए हैं।
म्यूल बैंक खाते क्या हैं –
म्यूल बैंक खाते से तात्पर्य धन शोधन के उद्देश्य से मनी म्यूल द्वारा खोले गए बैंक खातों से है।
मनी म्यूल ऐसे व्यक्ति होते हैं जिनके पास बैंक खाते होते हैं और जो जानबूझकर या अनजाने में अपराधियों की ओर से अवैध रूप से अर्जित धन को अन्य लोगों के खातों में स्थानांतरित करने में मदद करते हैं।
9). हाल ही में भारतीय रेलवे ने मोजाम्बिक को दो लोकोमोटिव (इंजिन) का निर्यात किया है।
मोजाम्बिक को दो लोकोमोटिव (इंजिन) का निर्यात किया हैं, जिनका निर्माण बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW), वाराणसी, उत्तर प्रदेश में किया गया है।
लोकोमोटिव को भारतीय रेलवे निर्यात एजेंसी, राइट्स (पूर्व में रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) लिमिटेड द्वारा मोजाम्बिक भेजा गया है।
Note – हाल ही में, वेबटेक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बिहार के मरहौरा डीजल लोकोमोटिव प्लांट में निर्मित डीजल-संचालित इंजनों को गिनी को निर्यात किया।
बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) :-
- BLW को पहले डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (DLW) के नाम से जाना जाता था। यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है।
- डीजल लोकोमोटिव वर्क्स की आधारशिला 1956 में राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने रखी थी।
- इसने 1961 में उत्पादन शुरू किया और पहला लोकोमोटिव 1964 में भारतीय रेल को सौपा गया।
- 1976 में इसने पहली बार अपने डीजल इंजनों को तंजानिया को निर्यात किया।